बालाघाट जिले के मोहगांव क्षेत्र के पालडोंगरी गाँव में गेड़ी तिहार का आयोजन किया गया
हर्षोल्लास से मनाया गया गेड़ी तिहार
22 अगस्त दिन शुक्रवार को, मोहगांव क्षेत्र के पालडोंगरी गाँव में गेड़ी तिहार का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य कान्हा परिक्षेत्र में खत्म होते गेड़ी( जेंड़ी ) परंपरा का संरक्षण करना था। जीवति या हरियाली अमावस्या के बाद से गाँवो में बांस की गेड़ी बनाई जाती है, जिसे पोला और नारबोद त्यौहार के दौरान पूजा कर विसर्जित कर दिया जाता है, साथ ही नारबोद का पौधा और अन्य औषधीय महत्त्व के कंद इस दिन उपयोग किये जाते हैं और समुदाय, खेत- खलिहान और पालतू पशु के स्वस्थ रहने का आशीर्वाद दिया जाता हैं। मानसून के समय इस त्यौहार का महत्त्व इसलिए है क्यूंकि यह वातावरण में होने वाले बदलाव से होने वाले रोगों (वायरल फीवर ) के प्रति एक सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है। कान्हा परिक्षेत्र में इस तरह की परम्पराएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं । परन्तु, वर्तमान में यह परंपरा ख़त्म होने को हैं।
पैगाम आर्गेनाइजेशन ने स्थानीय संस्था “जय नागा बैगा युवा संस्था” के साथ मिलकर, अपने जोहार फील्ड स्कूल (जोहार क्षेत्र कार्य विद्यालय) के अंतर्गत इस आयोजन को संपन्न किया, जिसका उद्देश्य कान्हा परिक्षेत्र में ख़त्म होते जैव – सांस्कृतिक अवयवों का संरक्षण करना है। इसमें गेड़ी नाच, गेड़ी लड़ाई, कुश्ती – कबड्डी, बैगा नृत्य इत्यादि किया गया। कार्यक्रम में पैगाम ऑर्गनाइज़ेशन से पंकज, विजय, अर्चना, नितिन, सिद्धि, मानसी तथा नागा बैगा युवा समिति से दुलेश, राहुल, देवलाल, बुधसिंह, अगहन, प्रेम सिंह और डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मकार श्रेया संवत्सर और नीता मरकाम उपस्थित रहे।