डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के खिलाफ मानहानि का केश करूंगी-अनुभा मुंजारे

अपने पति अधर गुप्ता को बचाने ओछी व निम्र स्तरीय हरकत कर रही डीएफओ नेहा श्रीवास्तव
बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने उत्तर सामान्य वन मंडल बालाघाट की डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा रूपये मांगने के लगाये गये आरोप को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये कहा कि वह डीएफओ नेहा श्रीवास्तव के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केश दर्ज करायेगी। श्रीमती मुंजारे ने कहा कि नेहा श्रीवास्तव डीएफओ है और वह अपने पति अधर गुप्ता दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट में पदस्थ को बचाने के लिये इस तरह की निम्र स्तरीय व ओछी मानसिकता का परिचय दे रही है। ढाई लाख से अधिक मतदाताओं के बीच चुनी हुई जनप्रतिनिधि को इस तरह से बदनाम करने का कार्य कर रही है। वह किसी भी कीमत में अपने अपमान को सहन नहीं करेगी। विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि डीएफओ नेहा श्रीवास्तव जिस वन विश्राम गृह में बैठक होने के दौरान रूपये के लेन देन की बात कह रही वह सरासर मनगढ़ंत व झूठी है। क्योंकि उस बैठक में वन विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। जिसमें वन व वन्य प्राणियों की सुरक्षा व कार्यवाही को लेकर दिशा-निर्देश दिये गये है। अधिकारियों के साथ बैठक में कोई रूपये की मांग कैसे कर सकते है?एक आईएफएस अधिकारी का इस तरह से गैर जिम्मेवारना कृत्य एक विधायक के लिये वह उस बैठक में मौजूद अन्य अधिकारियों के होने के दौरान कहा जाना बहुत ही हास्यास्पद है। विधायक अनुभा मुंजारे ने कहा कि मूल प्रकरण नेहा श्रीवास्तव के डीएफओ पति अधर गुप्ता पर लटक रही कार्यवाही है। सभी जानते है कि लालबर्रा के सोनेवानी में पिछले महीने बाघ का शिकार हुआ और उसकी पूरी प्रक्रिया सम्पन्न कराये बगैर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। साक्ष्य छुपाने का कृत्य किया गया। वन्य प्राणी जो हमारा राष्ट्रीय पशु है उसे क्षति पहुंचायी गई। इस मामले के सामने आने के दौरान विधानसभा सत्र के चलते भोपाल प्रवास में थी। इस प्रकरण को लेकर मेरे द्वारा विधानसभा में सवाल उठाया गया और वन विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को इस प्रकरण की शिकायत कर जांच करने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई है। शिकायत व विधानसभा में उठाये गये इस मामले को लेकर सभी भलीभांति जानते भी है। श्रीमती मुंजारे ने कहा कि वन विभाग ने इस मामले में सुरक्षा श्रमिकों को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया है। डिप्टी रेजर व वन रक्षक को आरोपित किया लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि बाघ की मौत मामले में डीएफओ के खिलाफ पहले कार्यवाही होनी चाहिए थी। श्रीमती मुंजारे ने कहा कि ये दोनो पति पत्नि जंगल को नुकसान पहुंचा रहे है हमारे वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचा रहे है। बाघ के नाम से जिले की पहचान है और उसी बाघ को ये मौत के घात उतारकर साक्ष्य नष्ट कर रहे है। मेरे विरूद्ध अनर्गल बयान शिकायत की जा रही है जो कि पूरी तरह से गलत है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इस प्रकरण को लेकर वह आमरण अनशन करेगी।